Dhami Prempracharini Sabha | धामी प्रेमप्रचारणी सभा

Dhami Prepracharini Sabha

Dhami Prempracharini Sabha | धामी प्रेमप्रचारणी सभा धामी रियासत के शिमला नगर के निकट होने के कारण यहां के बहुत से लोग शिमला में नौकरी करते थे। उन्होनें अपनी रियासत मे सुधार लाने के उद्देश्य से 1937 ई. में एक “प्रेम प्रचारिणी सभा” बनाई शिमला में कार्यरत बाबा नारायण दास को इसका अध्यक्ष. पंडित सीताराम …

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Baghal Praja Mandal | बाघल प्रजा मण्डल

Baghal Praja Mandal

बाघल के कुछ लोग शिमला में नौकरी करते थे। उन्होंने 11 अगस्त 1938 को जीवणुराम चौहान की अध्यक्षता में एक बैठक की और बाघल प्रजामण्डल की स्थापना की। मन्शा राम चौहान को इस प्रजा मण्डल का मंत्री बनाया गया। इसका उद्देश्य लोगों मे अपने अधिकारों के बारे में जागृति पैदा करना था। इस भावना को …

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Bushahar Praja Mandal | बुशैहर प्रजा मण्डल

Bushahar Praja Madal

Bushahar Praja Mandal | बुशैहर प्रजा मण्डल बुशहर प्रजा मण्डल को 1945 ई. में पुनः सक्रिय कर दिया गया। इस अवधि में बुशहर की और संस्थाओं जैसे ‘बुशहर सुधार सम्मेलन “बुशहर प्रेम सभा’ और ‘सेवकमण्डल दिल्ली में भी बुशहर के लोगों को संगठित किया। पंडित पद्मदेव ने शिमला में इसके लिये कार्य किया और रियासत …

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Dhami Praja Mandal | धामी प्रजा मण्डल

Dhami Praja Mandal

Dhami Praja Mandal | धामी प्रजा मण्डल धामी रियासत की “प्रेम प्रचारिणी सभा” ने सरकार के दमन से बचने के लिए रियासती प्रजा मण्डल शिमला में शामिल होने की योजना बनाई। इसी उद्देश्य को लेकर 13 जुलाई, 1939 ई. को भागमल सौहटा की अध्यक्षता में शिमला के निकट कुसुम्पटी के पास कैमली स्थान पर शिमला …

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Sirmaur Praja Mandal | सिरमौर प्रजा मण्डल

Sirmaur Praja Mandal

Sirmaur Praja Mandal | सिरमौर प्रजा मण्डल अखिल भारतीय रिसायती प्रजा परिषद् के प्रस्तावों से प्रभावित हो कर सिरमौर में हिमाचल की सबसे पहली प्रजामण्डल संस्था का गठन किया गया। इसके संस्थापक पं. राजेन्द्र दत्त थे। उन्होंने इसका कार्यालय नाहन के स्थान पर पांवटा में स्थापित किया। इसमें चौधरी शेर जंग, मास्टर चतर सिंह, सालिग …

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Kunihar Praja Mandal | कुनिहार प्रजा मण्डल

Kunihar Praja mandal

Kunihar Praja Mandal | कुनिहार प्रजा मण्डल शिमला स्टेट प्रजामंडल का गठन करने के पश्चात् ये लोग शिमला से कार्यक्रम निश्चित कर 8 जुलाई 1939 ई. को कुनिहार रियासत गये। वहाँ पर उन्होंने कांशीराम के साथ कई लोगों को प्रजामण्डल का सदस्य बनाया और दूसरे दिन 9 जुलाई 1939 ई. को कुनिहार रियासत के दरबार …

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Farmer Movement of Mandi 1909 | मण्डी रियासत का किसान आन्दोलन 1909

Farmer Movement of Mandi 1909

Farmer Movement of Mandi 1909 | मण्डी रियासत का किसान आन्दोलन 1909 मंडी रियासत में अनेक आंदोलन हुए। उनमें 1909 का किसान आंदोलन प्रमुख था। यह आंदोलन किसानो ने अपने ऊपर हो रहे शोषण के विरुद्ध शुरू किया था। आंदोलन का कारण : 1909 ई में मण्डी में राजा भवानी सेन (1903-1912) के समय में …

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Peasant Movement in Theog and Beja | ठियोग और बेजा में किसान आंदोलन

Peasant Movement of Theog and Beja

Peasant Movement in Theog and Beja | ठियोग और बेजा में किसान आंदोलन 1898 ई. में बेजा और ठियोग ठकुराईयों में भी विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हुई। बेजा में लोगों ने ठाकुर के विरुद्ध आन्दोलन किया और रियासत के दो सिपाहियों को बंदी बना लिया। बेजा के शासक उदय चन्द ने अंग्रेज सरकार की सहायता …

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Land Movement in Keonthal ( क्योंथल में भूमि आन्दोलन )

Land Movement in Keonthal

Land Movement in Keonthal ( क्योंथल में भूमि आन्दोलन ) 1897 ई. में क्योंथल रियासत में भी भूमि संबंधी आक्रोश फैल गया था। चार परगना के लोगों ने लगान तथा बेगार देना बंद कर दिया। अंग्रेज अधिकारी सैडमैन और टामस ने इस अंसतोष का निपटारा करने के लिये कहा परन्तु राजा बलबीर सेन (1882-1902) इससे …

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Land Movement of Sirmaur 1878 | सिरमौर का भूमि आन्दोलन 1878

Land Movement of Sirmaur 1878

Land Movement of Sirmaur 1878 | सिरमौर का भूमि आन्दोलन 1878 राजा शमशेर प्रकाश (1856-1898) ने 1878 ई. में सिरमौर में मुन्शी नन्दलाल और मुन्शी फतेहसिंह के तहत भूमि बन्दोबस्त आरम्भ किया गया। राज्य का यह पहला बन्दोबस्त था। रेणुका के गिरि पार के क्षेत्र में जब बन्दोबस्त शुरू हुआ तो लोगों ने इसका वास्तविक …

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