Pahari Paintings of Himachal Pradesh

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  1. हिमाचल प्रदेश में विकसित कौन -सी चित्रकला शैली प्राचीनतम है ?
    (A) अर्की शैली
    (B) राजस्थानी शैली
    (C) नग्गर शैली
    (D) बसौली शैली
    उत्तर : (D) बसौली शैली

व्याख्या :- हिमाचल प्रदेश की चित्रकला का जन्म कब और कहाँ हुआ इस संदर्भ में भी विद्वानों के विचारों में भेद है। कुछ विद्वानों की अनुसार इस चित्रकला का जन्म जम्मू के पहाड़ी क्षेत्र बसौली में हुआ। इनके अनुसार सर्वप्रथम मुगल दरबार से निष्कासित कलाकारों का एक दल बसौली पहुंचा और उन्होंने वहां की लोक कला में परिमार्जन करके बसौली शैली का निर्माण किया। कुछ विद्वानों के अनुसार पहाड़ी कला का जन्म गुलेर में हुआ। फिर 1780 ई. में जब गुलेर शैली अपने पूर्ण निखार में थी तो उसने काँगड़ा में प्रवेश किया और काँगड़ा शैली के नाम से प्रसिद्ध हुई।

  1. काँगड़ा चित्रकला शैली मूलत: कहाँ से उदित हुई है ?
    (A) बसौली
    (B) सुजानपुर
    (C) नूरपुर
    (D) गुलेर
    उत्तर :(D) गुलेर

व्याख्या :- काँगड़ा शैली का जन्म ‘गुलेर ‘ में हुआ था। यह मुग़ल और राजपूत कलाओं के साथ स्थानीय कलाओं के मिश्रण का रूप है। काँगड़ा कला शैली की पहाड़ी चित्रकला सेऊ वंशज की देन है। गुलेर दरबार में मनकू और नैनसुख (दोनों सेऊ के पुत्र ) को लघु-चित्रकला प्रारम्भ करने वाला माना जाता है जिन्हे काँगड़ा बुलाया गया। गढ़वाल से आया भोलाराम भी काँगड़ा शैली का अच्छा चित्रकार था।

  1. ‘काँगड़ा कलम ‘ का सबसे अधिक विकास किस राजा के काल में हुआ था ?
    (A) भूमि चंद
    (B) हमीरचंद
    (C) संसार चंद
    (D) केहरी सिंह
    उत्तर (C) संसार चंद

व्याख्या :- संसारचंद जो एक महान कला पोषक ,कला पारखी व कला प्रेमी थे , इनके शासन काल में हिमाचल प्रदेश की चित्रकला अपने चरमोत्कर्ष पर थी। इन्होने 1775 में सुजानपुर टिहरा को पहाड़ी लघु चित्रकला का केंद्र बनाया। संसारचंद के दरबार में फाटू और पदमा प्रसिद्ध कलाकार थे। 1750 से 1850 तक का समय हिमाचली चित्रकला का स्वर्णयुग कहलाता है। 1916 में सर्वप्रथम काँगड़ा शैली के चित्रों की खोज मेटकॉफ ने की। राजा संसारचंद ने ‘हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब हिल स्टेट के लेखक हचिसन एवं वोगल को अलेग्जेंडर का चित्र भेंट किया था। महान चित्रकार माणक संसारचंद के दरवार में थे।

  1. काँगड़ा पेंटिंग शैली का मुख्य विषय क्या था ?
    (A) युद्ध क्षेत्र
    (B) राजदरबार
    (C) प्राकृतिक सौंदर्य
    (D) भगवान् कृष्ण और राधा
    उत्तर :(D) भगवान् कृष्ण और राधा

व्याख्या :- काँगड़ा पेंटिंग के मुख्य विषय धार्मिक एवं पौराणिक है। गीतगोविन्द, बारामासा ,बिहारी सतसई , रामायण , भगवत गीता , रसिक प्रिया , रागमाला , नल दमयंती , तथा राजाओं एवं राजपरिवारों के रूपचित्र काँगड़ा कलम के चित्र रहे हैं। काँगड़ा चित्रकला में स्यालकोटी कागज का प्रयोग होता था। खाखा हिरण के चमड़े पर बनाया जाता था।

  1. उन्नीसवीं शताब्दी में राजा गोपाल सिंह द्वारा ब्रिटिश रेजिडेंट को निम्नलिखित में से कौन सी कला का सबसे सूंदर नमूना भेंट किया गया जो इस समय लन्दन के विक्टोरिया एवं एल्बर्ट संग्रहालय में है ?
    (A) काँगड़ा पेंटिंग
    (B) चम्बा रुमाल
    (C) कुल्लू शॉल
    (D) किनौरी-पट्टी
    उत्तर :(B) चम्बा रुमाल

व्याख्या :- चम्बा रुमाल का विकास राजा राजसिंह और रानी शारदा के समय सर्वाधिक हुआ था। रूमाल पर लघुचित्रकला का प्रशिक्षण भूरी सिंह संग्रहालय , चम्बा में दिया जाता है। चम्बा रुमाल को प्रोत्साहित करने के लिए चम्बा के शासक उम्मेद सिंह ने रंगमहल की नींव रखी। चम्बा रुमाल पर कुरुक्षेत्र युद्ध के लघु चित्रों की कृति जो विक्टोरिया एल्बर्ट संग्रहालय , लन्दन में सुरक्षित है , चम्बा के शासक गोपाल सिंह ने 1873 ई. में ब्रिटिश सरकार को भेंट किया था। चम्बा रुमाल में वर्गाकार मुलायम कपड़ों में कढ़ाई द्वारा रामायण एवं कृष्णलीला के विभिन्न प्रसंगों को उकेरा गया है। यह कला बसौली से चम्बा आई थी।

  1. ‘भूरी सिंह संग्रहालय ‘ चम्बा में सबसे मुख्य वस्तु क्या है ?
    (A) पत्थर शिलालेख एवं पाषाण मूर्तियाँ
    (B) धातु शिलालेख
    (C) पर्शियन ,पंजाबी और टांकरी भाषा के दस्तावेज
    (D) जरदोजी , कढ़ाई-बुनाई और चित्रकारी
    उत्तर :(C) पर्शियन ,पंजाबी और टांकरी भाषा के दस्तावेज

व्याख्या :- भूरी सिंह संग्रहालय चम्बा जिले में स्थित है। इसकी स्थापना राजा भूरी सिंह ने की थी। इस संग्रहालय में काँगड़ा और बसौली शैली की कलाकृतियाँ रखी गई है। इनमें राधा-कृष्ण प्रसंगों पर कृतियाँ उपलब्ध हैं। इसकी स्थापना 1908 ई. में की गई थी।

  1. “काँगड़ा ब्राइड ” व “गद्दन ” किसकी कृतियाँ है ?
    (A) अमृता शेरगिल
    (B) अमृता प्रीतम
    (C) रोरिक
    (D) सरदार शोभा सिंह
    उत्तर : (D) सरदार शोभा सिंह

व्याख्या :– शोभा सिंह आर्ट गैलरी काँगड़ा जिले के अंद्रेटा में स्थित है। यहाँ शोभा सिंह की अनेक कृतियाँ रखी गई है। इसमें उमर खय्याम ,सोहनी महिवाल की प्रसिद्ध कृतियाँ है। इसे नौराह रिचर्ड (शोभा सिंह की पत्नी ) ने स्थापित किया। वर्ष 2012 में इस आर्ट गैलरी को संग्रहालय में बदला गया है।

  1. पाबूची , पंडवाणी ,और भटाक्षरी किस चीज के द्योतक हैं ?
    (A) लिपियों के प्रकार
    (B) भीति चित्र
    (C) वस्त्र चित्रपट (पेंटिंग )
    (D) ऊनी वस्त्र
    उत्तर :(B) भीति चित्र

व्याख्या :- चम्बा में 16वीं शताब्दी में भीति चित्रों का उदय हुआ। विवाह के अवसर पर दीवारों पर चित्र बनाने की विशेष परम्परा रही है जिसे बंगद्वारि कहा जाता है। चम्बा का रंगमहल भीति चित्र शैली का अद्भुत नमूना है जिसे राजा उम्मेद सिंह (1748-1764 ) ने शुरू किया। मण्डी के राजा सूरजसेन का दमदमा महल भित्तिचित्र का श्रेष्ठ उदाहरण है। अर्की के दीवानखाना की दीवारों पर भीति चित्रों का कार्य राजा किशन सिंह के कार्यकाल में हुआ।

  1. रूस के रंगकर्मी (पेंटर ) निकोलस रोरिक किस वर्ष के आसपास पहली बार कुल्लू जिले के नग्गर आए?
    (A) 1915 में
    (B) 1923 में
    (C) 1926 में
    (D) 1930 में
    उत्तर :(B) 1923 में

व्याख्या :- निकोलस रौरिक रूसी चित्रकार, लेखक, पुरातत्त्वविद, थियोसोफिस्ट, दार्शनिक थे।उन्होंने कुल्लू जिले के नग्गर में एक आर्ट गैलरी की स्थापना की। इसे रौरिक आर्ट गैलरी कहा जाता है। वर्ष 2012 में निकोलस रौरिक आर्ट कॉलेज की स्थापना की गई।

  1. ‘चम्बा कलम ‘ के किस चित्रकार के चित्र बहुत लोकप्रिय हुए ,जो 1765 ई. में गुलेर से चम्बा आया था ?
    (A) संजू
    (B) गोलू
    (C) भोलाराम
    (D) निक्का
    उत्तर : (D) निक्का

व्याख्या :- सेऊ वंश के निक्का और राँझा चम्बा दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार हुए। निक्का 1765 ई. में गुलेर से चम्बा आया था। चम्बा चित्रकला का विकास पृथ्वी सिंह (1641-1664) के समय शुरू हुआ। पृथ्वी सिंह एवं मुग़ल बादशाह शाहजहाँ का 1658 का एक पोट्रेट आज भी उपलब्ध है। वह नौ बार दिल्ली दरबार गया था। राजा राज सिंह (1765-1794 ) के शासनकाल में चम्बा कलम का खूब विकास हुआ। निक्का , राँझा ,छज्जू और हरकू उसके दरवार के निपुण कलाकार थे चम्बा कलम का उदगम बसौली और गुलेर चित्रकला के प्रभाव से हुआ था।

  1. अंगद किस रियासत के प्रसिद्ध चित्रकार थे ?
    (A) कुल्लू
    (B) काँगड़ा
    (C) सिरमौर
    (D) नूरपुर
    उत्तर :(C) सिरमौर

व्याख्या :- नूरपुर के गोलू , सिरमौर के अंगद ,कुल्लू के भगवान और संजू भी प्रमुख चित्रकार हैं। कुल्लू के राजा मानसिंह के समय रामायण पर चित्रकला बनाई गई। कुल्लू में राजा जगत सिंह के कार्यकाल में पहाड़ी लघु चित्रकला आरंभ हुई। सुकेत रियासत की राजधानी में पहाड़ी चित्रकला राजा विक्रम सेन के शासन काल में पल्ल्वित हुई। काँगड़ा के राजा अनिरुद्ध चंद ने बाघल की राजधानी अर्की में अर्की कलम का विकास किया।

  1. शिमला में गेयटी थियेटर का निर्माण कब हुआ ?
    (A) 1886
    (B) 1887
    (C) 1888
    (D) 1889
    उत्तर :(B) 1887

व्याख्या :- गेयटी थिएटर वर्ष 1987 में खोला गया था। स्टेट म्यूज़ियम (शिमला ) की स्थापना सन 1974 ई. में की गई थी। काँगड़ा कला संग्रहालय (धर्मशाला ) की स्थापना 1991 ई. में हुई है। जनजातीय संग्रहालय (केलांग ) की स्थापना 2006 ई. में हुई।

13. 1965 ई. में उत्कृष्ट शिल्पी के राष्ट्रिय पुरस्कार से सम्मानित महेशी देवी का संबंध किस कला से है ?
(A) चित्रकला
(B) कशीदाकारी
(C) मृदभाण्ड
(D) मूर्तिकला
उत्तर :(B) कशीदाकारी

व्याख्या :- महेशी देवी का संबंध कशीदाकारी से है। इन्हे 1965 ई. में उत्कृष्ट शिल्पी के राष्ट्रिय पुरस्कार से सम्मानित किया को गया। विजय शर्मा को 2011 के लिए कालिदास सम्मान पहाड़ी शैली की लघु चित्रकला के लिए दिया गया।

14. सन 2011 में स्पीति घाटी में हिमाचल प्रदेश लैंग्वेज आर्ट एण्ड कल्चर अकादमी द्वारा स्थापित 600 वर्ष प्राचीन पाण्डुलिपि निम्नलिखित में से किससे सबंधित है ?
(A) इतिहास
(B) संस्कृति
(C) आयुर्वेद
(D) वास्तुकला
उत्तर : (C) आयुर्वेद

15. पहाड़ी लघु चित्रकला का महान चित्रकार माणक किसके राजदरबार की शोभा था ?
(A) संसार चंद काँगड़ा
(B) शाम सिंह चम्बा
(C) आनंद चंद बिलासपुर
(D) गोपाल सेन मण्डी
उत्तर : (A) संसार चंद काँगड़ा

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