Kullut Janpad | कुल्लूत : हिमाचल प्रदेश का प्राचीन जनपद
कुल्लुत प्राचीन जनपद: त्रिगर्त जनपद के साथ लगता हुआ एक और जनपद था जिसका नाम कुलूत था। इस जनपद के एक ओर औदुम्बर देश था और दूसरी ओर कुलिन्द जनपद। यह जनपद व्यास नदी कीऊपरी घाटी में फैला हुआ था। कुलूत जनपद का वर्णन रामायण, महाभारत, वृहत्संहिता, मार्कण्डेयपुराण और विष्णुपुराण में मिलता है, जिसमें इसे उत्तर दिशा में स्थित बताया गया है।
ऐतिहासिक तथ्यों से सिद्ध होता है कि काश्मीर और त्रिगर्त को छोड़कर कुलूत सबसे प्राचीन राज्य था। मुद्राराक्षस से पता चलता है कि कुलूत का राजा चित्रवर्मा भी उन पांच राजाओं में से एक था जिसने अन्य राजाओं के साथ मिलकर चन्द्रगुप्त मौर्य का विरोध किया। हिमाचल की प्राचीन रियासतों में त्रिगर्त के उपरांत कूलूत दूसरे स्थान पर है।
कुलूत के बारे में सबसे प्राचीन प्रमाण एक मुद्रा पर “राजनः कुलूतस्य वीरयश” के उल्लेख का है। प्राचीन लिपियों के आधार पर इसे ईसा पश्चात् पहली और दूसरी शताब्दी का ही कहा जा सकता है। राजा वीरयश की मुद्राओं पर संस्कृत भाषा की ब्राह्मी लिपि में लेख मिलता है उसी में खरोष्ठी में प्राकृत ‘राना’ शब्द का उल्लेख भी है।
Kullut Janpad | कुल्लूत : हिमाचल प्रदेश का प्राचीन जनपद
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