Famous Temples in Himachal Pradesh
- चम्बा में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर को किसने बनवाया ?
(A) मेरु वर्मन
(B) साहिल बर्मन
(C) लक्ष्मी बर्मन
(D) ललित बर्मन
उत्तर : (B) साहिल बर्मन
व्याख्या :- लक्ष्मी नारायण मंदिर चम्बा शहर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण साहिल बर्मन ने किया था। यह 6 मंदिरों का समूह है। जिला चम्बा के अन्य मंदिर हैं :-
मणिमहेश –यह भरमौर में स्थित है। इसका निर्माण मेरु बर्मन ने करवाया था।
शक्ति देवी मंदिर-यह मंदिर चम्बा के छतराड़ी में स्थित है, जिसका निर्माण मेरुवर्मन ने करवाया था। गुग्गा शिल्पी मेरुवर्मन का प्रमुख शिल्पकार था जिसने यह मंदिर बनाया था।
लक्षणा देवी मंदिर-यह मंदिर भरमौर में स्थित है। यह मंदिर महिषासुरमर्दिनि दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर मेरुवर्मन के प्रमुख शिल्पी गुग्गा द्वारा बनाया गया था।
गणेश मंदिर –यह भरमौर में स्थित है। यह मंदिर मेरुवर्मन के समय बनाया गया था।
नरसिंह मंदिर-यह मंदिर भरमौर में स्थित है। इसका निर्माण राजा युगांकार वर्मन की रानी त्रिभुवन रेखा ने करवाया था।
हरिराय मंदिर –यह मंदिर चम्बा शहर में स्थित है। इसकी स्थापना लक्ष्मण वर्मन ने की थी।
कामेश्वर महादेव मंदिर ,साहो और चमेसनी (चम्पावती ) मंदिर चम्बा की स्थापना साहिल वर्मन ने की थी।
गौरी शंकर मंदिर (चम्बा ) का निर्माण राजा युगांकर वर्मन ने करवाया था।
बंसी गोपाल मंदिर (चम्बा) का निर्माण राजा बलभद्र वर्मन ने 1595 ई. में करवाया था।
सीता राम मंदिर (चम्बा ) का निर्माण राजा पृथ्वी सिंह की नर्स (दाई ) बाटलू ने करवाया था।
हिडिम्बा मंदिर-यह मंदिर चम्बा के मैहला में स्थित है। इसका निर्माण राजा पृथ्वी सिंह की नर्स बाटलू ने करवाया था।
चौरासी मंदिर –यह मंदिर भरमौर में स्थित है ,जिसे राजा साहिल वर्मन ने वनवाया था।
- हिमाचल प्रदेश के किस क्षेत्र में पाण्डव भीम की पत्नी हिडिम्बा और उनके पुत्र घटोत्कच के मंदिर बने हुए हैं ?
(A) कुल्लू घाटी
(B) किनौर
(C) लाहौल स्पीति
(D) काँगड़ा घाटी
उत्तर :(A) कुल्लू घाटी
व्याख्या : हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली से 3 किलोमीटर दूर डूंगरी के जंगल में स्थित है। यह मंदिर भीम की पत्नी हिडिम्बा देवी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1553 ई में राजा बहादुर सिंह ने करवाया था। प्रतिवर्ष मई महीने में यहाँ डूंगरी मेला लगता है। हिडिम्बा देवी मंदिर की कुछ दूरी में घटोत्कच का मंदिर है। कुल्लू जिले के अन्य मंदिर है :-
बिजली महादेव –यह मंदिर कुल्लू से 14 किलोमीटर दूर व्यास नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है। यहाँ हर वर्ष शिवलिंग पर बिजली गिरती है।
बजौरा मंदिर –भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर कुल्लू के बजौरा में स्थित है।
जामलू मंदिर –यह मंदिर कुल्लू जिले के मलाणा गॉंव में स्थित है। यह मंदिर ऋषि जमदग्नि को समर्पित है। जिन्हे जामलू देवता के नाम से जाना जाता है।
मनु मंदिर- यह मंदिर शांसर कुल्लू में स्थित है, जो मनाली के पास स्थित है।
रघुनाथ मंदिर –रघुनाथ मंदिर कुल्लू में स्थित है ,जिसे राजा जगत सिंह ने बनवाया था।
कार्तिकेय (मूर्ति ) कनखल – कनखल मंदिर में शिव के पुत्र कार्तिकेय की मूर्ति है। यह मंदिर कुल्लू मण्डी के बीच कनखल में स्थित है।
रामचंद्र मंदिर –यह मंदिर मणिकर्ण में स्थित है इसका निर्माण राजा जगत सिंह ने करवाया था।
कपिल मुनि मंदिर का निर्माण राजा मान सिंह ने करवाया था।
- मण्डी के किस शासक ने 1346 ई में पराशर मंदिर निर्मित करवाया ?
(A) अजबर सेन
(B) बाण सेन
(C) जोगेन्दर सेन
(D) श्याम सेन
उत्तर :(B) बाण सेन
व्याख्या :- पराशर मंदिर का निर्माण 1346 ई में राजा वाण सेन ने करवाया था। मंडी जिले के अन्य मंदिर है:-
भूतनाथ मंदिर : यह मंदिर मण्डी शहर में है। इसका निर्माण 1526 ई में राजा अजबर सेन ने करवाया था यह मंदिर अर्धनारीश्वर को समर्पित है।
श्यामाकाली मंदिर –यह मंदिर मण्डी में स्थित है। इसका निर्माण राजा श्यामसेन ने करवाया था।
माधोराय मंदिर का निर्माण राजा सूरजसेन ने करवाया था। बटुक भैरव मंदिर, शम्भू महादेव मंदिर (पड्डल ), सिद्ध भद्रा मंदिर (पड्डल ), सिद्धकाली मंदिर (सैरी ) , सिद्ध गणपति मंदिर (सुरकोठी ) और सिद्ध जालपा मंदिर का निर्माण राजा सिद्ध सेन ने करवाया था।
मगरू महादेव मंदिर , शिकारी देवी मंदिर , शैटी नाग मंदिर , मांहुनाग मंदिर ,कामाक्षा , कामरूनाग अन्य मंदिर है।
- ‘हिमाचल प्रदेश का एलोरा ‘ अर्थात ‘पत्थर नक्काशी मंदिर ‘ कहाँ पर स्थित है ?
(A) मसरूर
(B) काँगड़ा
(C) चम्बा
(D) सोलन
उत्तर :(A) मसरूर
व्याख्या :-मसरूर रॉक कट मंदिर नागर शैली (शिखर शैली )का बना मंदिर है जिसे कश्मीर के राजा ललित्यादित्य ने 8 वीं शताब्दी में बनवाया था। यह मंदिर काँगड़ा जिले के गग्गल-नगरोटा सुरियाँ मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर मुख्यत: शिव को समर्पित है। ठाकुरद्वारा यहाँ का मुख्य धार्मिक स्थल है ,जिसमें राम , लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां हैं। मसरूर 15 मंदिरों का समूह है। काँगड़ा जिले अन्य प्रमुख मंदिर है :-
ज्वालामुखी मंदिर – यह मंदिर काँगड़ा के ज्वालामुखी में स्थित है। यहाँ पर सती की जीभ गिरी थी। अकबर ने ज्वालामुखी मंदिर में सोने का छत्र चढ़ाया था। महराजा रणजीत सिंह ने 1813 ई. में यहाँ स्वर्ण जल का गुम्बद बनाया था।
ब्रजेश्वरी देवी मंदिर – यह मंदिर काँगड़ा शहर में स्थित है। ब्रजेश्वरी देवी मंदिर को महमूद गजनवी ने तोड़ा था , जिसे बाद में पुन: बनवा दिया गया था। यह 1905 ई. के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था।
बैजनाथ मंदिर – यह मंदिर काँगड़ा जिले के बैजनाथ में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। शिखर शैली में निर्मित इस मंदिर का निर्माण 1204 ई. में म्यूक तथा आहुक नामक व्यापारियों ने करवाया था। राजा संसार चंद ने 19वीं शताब्दी में इस मंदिर का जीर्णोंद्धार करवाया था।
भगसूनाथ मंदिर का निर्माण राजा धर्मचंद ने करवाया था।
बृजराज बिहारी मंदिर नूरपुर का निर्माण राजा बासु ने करवाया था।
लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने आलमपुर में करवाया था।
जाखणी देवी मंदिर, कुनाल पत्थरी
- प्रसिद्ध ‘हिमाचल प्रदेश का सूर्यमंदिर ‘कहाँ स्थित है ?
(A) निरथ
(B) मण्डी
(C) बिलासपुर
(D) सुजानपुर
उत्तर : (A) निरथ
व्याख्या :- हिमाचल प्रदेश का सूर्यमंदिर शिमला जिले के ‘निरथ ‘ में स्थित है। यह मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है। शिमला जिले के अन्य प्रमुख मंदिर है :-
तारा देवी मंदिर – यह मंदिर शिमला से 5 कोलोमीटर दूर तारा देवी में स्थित है। यहाँ अष्टधातु की 18 भुजाओं वाली प्रतिमा है। यह मंदिर माँ तारा देवी को समर्पित है। इसका निर्माण क्योंथल के राजा बलबीर सेन ने करवाया था।
भीमाकाली मंदिर – भीमाकाली मंदिर शिमला के सराहन में स्थित है। सराहन को प्राचीन समय में शोणितपुर के नाम से जाना जाता था।
हाटकोटी मंदिर –यह मंदिर शिमला जिले के रोहड़ू तहसील के हाटकोटी में स्थित है। यह मंदिर हाटकोटी माता को समर्पित है। यहाँ महिषासुरमर्दिन की अष्टधातु की अष्टभुजा वाली विशाल प्रतिमा स्थापित है। वीर प्रकाश ने इसका पुर्ननिर्माण करवाया था।
जाखू मंदिर- यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। भगवान् हनुमान की 108 फुट ऊँची मूर्ति यहाँ बनाई गई है।
कामना देवी मंदिर –कामना देवी मंदिर शिमला के प्रॉस्पेक्ट हिल में स्थित है।
कालीबाड़ी मंदिर –यह मंदिर शिमला में स्थित है। यह मंदिर काली माता ( श्यामा देवी ) को समर्पित है।
संकटमोचन मंदिर – यह मंदिर हनुमान को समर्पित है। यह तारादेवी के पास स्थित है। यह मंदिर 1926 ई. में नैनीताल के बाबा करौरी ने करवाया था।
- बिलासपुर जिले के किस स्थान पर मार्कण्डेय मंदिर स्थित है ?
(A) झण्डूता
(B) ज्योरी पटट्न
(C) जुखाला
(D) जगतखाना
उत्तर : (C) जुखाला
व्याख्या :- मार्कण्डेय मंदिर जुखाला में स्थित है। बिलासपुर के अन्य प्रमुख मंदिर है :-
नैना देवी मंदिर – यह मंदिर बिलासपुर में स्थित है। इस मंदिर कर निर्माण वीर चंदेल द्वारा करवाया गया। मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर सती के नयन गिरे थे।
गोपाल जी मंदिर –बिलासपुर में स्थित इस मंदिर का निर्माण सन 1938 ई. में राजा आनंद चंद ने करवाया था।
मुरली मनोहर मंदिर – इसका निर्माण राजा अभय चंद ने करवाया था।
देवभाटी मंदिर –यह मंदिर ब्रह्मपुखर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजा दीप चंद ने करवाया था।
- हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के किस नगर के पास कटासन देवी का मंदिर स्थित है ?
(A) रेणुका
(B) धौलाकुंआ
(C) भंगानी
(D) कफोटा
उत्तर : (B) धौलाकुंआ
व्याख्या :- कटासन देवी का मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है। इसका निर्माण राजा जगत प्रकाश ने करवाया था। सिरमौर जिले के अन्य प्रमुख मंदिर है –
गायत्री मंदिर – यह मंदिर रेणुका में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महात्मा पराया नन्द ब्रह्मचारी ने करवाया था।
जगन्ननाथ मंदिर –यह मंदिर सिरमौर जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1681 ई. में राजा बुद्ध प्रकाश ने करवाया था। यहाँ सावन द्वादशी का मेला लगता है।
त्रिलोकपुर मंदिर –यह मंदिर सिरमौर जिले के त्रिलोकपुर स्थान पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1573 ई. में दीप प्रकाश ने करवाया था। यह मंदिर माता बाला सुंदरी को समर्पित है , जिसे 84 घंटियों वाली देवी भी कहा जाता है।
शिरगुल मंदिर –यह मंदिर चूड़धार पर स्थित है। यह मंदिर भगवान् शिरगुल को समर्पित है।
देई साहिब मंदिर -यह मंदिर पौंटा में स्थित है। इसका निर्माण 1889 ई. में राजा शमशेर प्रकाश की बहन देई साहिबा ने करवाया था।
लक्ष्मी नारायण मंदिर – यह मंदिर नाहन में स्थित है। इसका निर्माण 1708 ई. में राजा भूप प्रकाश ने करवाया था।
शिव मंदिर ,रानी ताल (नाहन ) का निर्माण 1889 ई. में राजा शमशेर प्रकाश ने अपनी रानी कुटलानी की स्मृति में करवाया था।
रामकुण्डी मंदिर (नाहन )का निर्माण 1767 ई. में राजा कीर्ति प्रकाश ने करवाया था।
- शाहतलाई स्थान का संबंध किस मंदिर में है ?
(A) माता चिंतपूर्णी
(B) माता ब्रजेश्वरी
(C) माता काँगड़ा देवी
(D) बाबा बालकनाथ
उत्तर :(D) बाबा बालकनाथ
व्याख्या :- बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध (शाहतलाई) में स्थित है। हमीरपुर जिले के अन्य प्रमुख मंदिर है :-
गौरीशंकर मंदिर –यह मंदिर सुजानपुर टिहरा में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1793 ई. में संसार चंद ने करवाया था।
मुरली मनोहर मंदिर – यह मंदिर सुजानपुर टिहरा में स्थित है और इसका निर्माण राजा संसार चंद ने 1790 में करवाया था।
गसोता मंदिर –यह मंदिर हमीरपुर में स्थति है।
नर्बदेश्वर मंदिर –यह मंदिर सुजानपुर टिहरा में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
चामुण्डा मंदिर –यह मंदिर सुजानपुर टिहरा में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1761 ई. में राजा घमंड चंद ने करवाया था।
- किनौर जिले के किस स्थान पर चण्डिका देवी का मंदिर स्थित है ?
(A) कल्पा
(B) सुंगरा
(C) निचार
(D) सांगला
उत्तर :(A) कल्पा
व्याख्या :- किनौर जिले में चण्डिका देवी मंदिर कल्पा में स्थित है। उषा देवी मंदिर निचार में निचार में स्थित है। किनौर में पूह गोम्पा , नामगया गोम्पा , कानम गोम्पा , और नाको गोम्पा स्थित है।
- अबलोकितेश्वर मंदिर है –
(A) चम्बा में
(B) लाहौल-स्पीति में
(C) काँगड़ा में
(D) किनौर में
उत्तर :(B) लाहौल-स्पीति में
व्याख्या :- लाहौल स्पीति में अबलोकितेश्वर मंदिर , त्रिलोकीनाथ मंदिर ,मृकुला देवी मंदिर (अजय वर्मन निर्माता ), गुरु घंटाल गोम्पा ,गेमूर गोम्पा ,शाशुर गोम्पा , कारदांग गोम्पा , ताबो गोम्पा , तायुल गोम्पा ,ढक्खर गोम्पा , और की-गोम्पा स्थित है।
- चिंतपूर्णी मंदिर किस जिले में स्थित है ?
(A) काँगड़ा
(B) मण्डी
(C) सोलन
(D) ऊना
उत्तर :(D) ऊना
व्याख्या :-चिंतपूर्णी मंदिर ऊना जिले में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार यहाँ सती के चरण गिरे थे। ऊना जिले में अन्य प्रमुख मंदिर है –
बाबा बड़भाग सिंह –बाबा बड़भाग सिंह का डेरा जिला ऊना के अम्ब से 10 किलोमीटर दुरी पर मैड़ी में स्थित है।
जोगी पंगा -डेरा बाबा जोगी पंगा ऊना के बौल गाँव में स्थित है।
बाबा नांगा –ऊना जिले के संतोषगढ़ में बाबा नांगा की समाधि है।
- शूलिनी मंदिर हिमाचल प्रदेश के किस जिले में स्थित है ?
(A) सोलन
(B) सिरमौर
(C) शिमला
(D) ऊना
उत्तर : (A) सोलन
व्याख्या :- शूलिनी माता का मंदिर सोलन जिले में स्थित है। शूलिनी माता के नाम पर ही सोलन शहर का नामकरण हुआ है। जटोली मंदिर सोलन के जटोली में हिमाचल प्रदेश का सबसे ऊँचा मंदिर स्थित है।
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