Brief Geography of District Bilaspur – HP

Brief Geography of District Bilaspur

Brief Geography of District Bilaspur – HP मुख्यालय – बिलासपुर (समुद्रतल से ऊँचाई 610 मीटर)कुल क्षेत्रफल – 1167 वर्ग किलामीटभाषाएं- बिलासपुरी (कहलूरी) हिंदी, पंजाबी इत्यादि। जिला बिलासपुर 31°12’30” व 31°35’45” डिग्री उत्तरी आक्षांश तथा 76°23’45” व 76°55’40” पूर्वी देशातर पर बाहरी या निचले हिमालय में स्थित है। यह हिमाचल के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। …

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Lakes of Himachal Pradesh | हिमाचल की प्रमुख झीलें

Lakes of Himachal Pradesh | हिमाचल की प्रमुख झीलें

Lakes of Himachal Pradesh | हिमाचल की प्रमुख झीलें Lakes of Himachal Pradesh | हिमाचल की प्रमुख झीलें ll Lakes of Himachal Pradesh ll Lakes of Himachal Pradesh ll Read more : River System of Himachal Pradesh

Passes and Jots in Himachal Pradesh

Passes and Jots in Himachal Pradesh

Passes and Jots in Himachal Pradesh (हिमाचल में दर्रे एवं जोतें ) व्याख्या :- भादल ग्लेशियर कांगड़ा में स्थित है यहां से रावी नदी को जल उपलब्ध होता है, बाकी सभी ग्लेशियर जला लाहौल स्पीति में है। बड़ा शिगड़ी हिमाचल का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। इसकी लंबाई 25 किलोमीटर है। 1957 में भारतीय भूगर्भिक सर्वेक्षण …

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Famous Festivals in Himachal Pradesh

Famous Festival of Himachal Pradesh

Famous Festivals in Himachal Pradesh Famous Festivals in Himachal Pradesh : त्यौहार किसी भी क्षेत्र में सांस्कृतिक जीवन की सही झांकी प्रस्तुत करते हैं। त्यौहार हमें एकता के सूत्र में जोड़ते हैं और इनका हमारे आर्थिक , धार्मिक सांस्कृतिक व सामाजिक जीवन से सीधा संबंध है। चैत-संक्राति, चतराली , चातरा ,ढोलरू : चंद्र गणना के …

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Pahari Paintings of Himachal Pradesh

Pahari Painting of Himachal Pradesh

Pahari Paintings of Himachal Pradesh व्याख्या :- हिमाचल प्रदेश की चित्रकला का जन्म कब और कहाँ हुआ इस संदर्भ में भी विद्वानों के विचारों में भेद है। कुछ विद्वानों की अनुसार इस चित्रकला का जन्म जम्मू के पहाड़ी क्षेत्र बसौली में हुआ। इनके अनुसार सर्वप्रथम मुगल दरबार से निष्कासित कलाकारों का एक दल बसौली पहुंचा …

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बिलासपुर का झुग्गा आंदोलन – (हि.प्र.)

बिलासपुर का झुग्गा आंदोलन

बिलासपुर का झुग्गा आंदोलन – (हि.प्र.) – बिलासपुर रियासत में 1883 ई. से 1888 ई. तक राजा अमर चंद का शासन रहा। राजा अमरचन्द कुशल शासक नहीं था। इसी काल में राज्य के प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से भूमि लगान और काश्तकारी की अवधि में परिवर्तन किया गया। राज्य में बेगार प्रथा लागू थी। राजा …

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Bushahr Riyasat ka Dumh Aandolan

Bushahr Riyasat ka Dumh Aandolan

Bushahr Riyasat ka Dumh Aandolan (बुशैहर रियासत का दुम्ह आंदोलन) बुशैहर रियासत का दुम्ह आंदोलन: दूम्ह आन्दोलन में जब कभी राजा कोई ऐसा काम करता या भूमि कर लगाता था, जिसको लोग अनुचित और अन्याय पूर्ण समझते थे तो वे अपना रोष व विरोध प्रदर्शित करने के लिये गांव को छोड़कर पास के जंगल में …

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पझौता किसान आंदोलन – सिरमौर (हि.प्र.)

पझौता किसान आंदोलन (जिला सिरमौर )

पझौता किसान आंदोलन – सिरमौर (हि.प्र.) पझौता किसान आंदोलन : 1942-43 ई. में सिरमौर के ऊपरी क्षेत्र पझौता के लोगों ने अपनी शिकायतों को लेकर एक किसान आंदोलन चलाया। इस आंदोलन के पीछे विभिन्न कारण रहे। इस समय दूसरा विश्वयुद्ध (1939-45) जोरों पर था। उधर बंगाल में अकाल पड़ा हुआ था। अन्न की कमी अनुभव …

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त्रिगर्त : हिमाचल प्रदेश का प्राचीन जनपद

त्रिगर्त : हिमाचल प्रदेश का प्राचीन जनपद

त्रिगर्त : हिमाचल प्रदेश का प्राचीन जनपद त्रिगर्त देश को पाणिनी ने आयुधजीवी संघ कहा है जिसका अर्थ होता है युद्ध के सहारे जीने वाले संघ । रावी ,व्यास और सतलुज इन तीन नदियों के बीच का प्रदेश त्रिगर्त कहलाता है। इसका पुराना नाम जालन्धरायण भी था ,जिसका राजन्यादिगण में उल्लेख हुआ है। वृहत्सहिंता तथा …

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