Bhunda Festival of Nirmand District Kullu

Bhunda Festival of Nirmand District Kullu

Bhunda Festival of Nirmand District Kullu भारत में पहले नर बलि की प्रथा थी। भूण्डा भी नर बलि का त्यौहार है। कुल्लू जिला में इसे ‘बला’ (भीतरी सिराज) तथा निरमण्ड (बाहरी सिराज) में प्रमुख रूप से मनाया जाता रहा है। ‘बला’ जहां मार्कण्डेय ऋषि और बाला सुन्दरी के मंदिर हैं, में भूण्डा उत्सव मनाना बंद …

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बूढ़ी दिवाली | निरमण्ड की बूढ़ी दिवाली : जिला कुल्लू

Nirmand Ki Budhi Diwali District Kullu

बूढ़ी दिवाली | निरमण्ड की बूढ़ी दिवाली : जिला कुल्लू यह दिवाली प्राचीन काल से कुल्लू क्षेत्र में मनायी जाती है। इस दीवाली का दीपावली से कोई संबंध नहीं है। यह दीपावली से ठीक एक मास बाद मार्गशीर्ष की अमावस्या को मनाई जाती है। रात्रि को भिन्न-भिन्न दिशाओं से मशालों के साथ लोग आते हैं। …

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नगर गनेड़ उत्सव – जिला कुल्लू (हि.प्र.)

Naggar Ganed Utsav District Kullu

नगर गनेड़ उत्सव – जिला कुल्लू (हि.प्र.) यह उत्सव पौश मास के अमावस्या के चार दिन पश्चात होता है। एक व्यक्ति जिसे जठियाली कहते हैं, के सिर पर पुराने समय से रखे हुये भेड़ के सींग लगाते हैं। उसे मूसल पर बैठा कर कन्धे पर उठाते हैं और गांव का चक्कर लगाते हैं। उसे भांग …

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Kahika Fair (Mela) of District Kullu HP

Kahika fair of district kullu hp

Kahika Fair (Mela) of District Kullu HP काहिका कुल्लू में मनाया जाने वाला विशेष मेला है। इसे प्रायश्चित यज्ञ भी कहा जाता है। इस मेला में नौड़ की विशेष भूमिका होती है जो मेला में पहले मरता है फिर देव कृपा से पुनः जीवित हो जाता है। यह मेला कहीं तीसरे, कहीं पांचवें तथा कहीं …

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Birshu Fair (Mela) of District Kullu HP

Birshu Fair of District Kullu

Birshu Fair (Mela) of District Kullu HP बैशाख मास में होने वाले मेले को बिरशू कहते हैं। बिरशू मेले सारे जिला कुल्लू में होते हैं। वैशाख संक्रान्ति की पूर्व संध्या पर घरों में पकवान पकाते हैं और बहू बेटियों को भेजे जाते हैं। मंदिर में देव रथ सजाया जाता है। संक्रान्ति के दिन मंदिर के …

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शाढ़ी जातर – जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश

शाढ़ी जातर - जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश

शाढ़ी जातर – जिला कुल्लू हिमाचल प्रदेश यह उझी घाटी का एक बड़ा मेला है जो नगर में त्रिपुरा सुन्दरी के मन्दिर के सामने मनाया जाता है। यह मेला ज्येष्ठ मास में मनाया जाता है परन्तु देवी त्रिपुरा सुन्दरी की “सोह”(क्रीड़ा स्थल) शाढ़ी होने के कारण इसे शाढ़ी जातर कहते हैं। यह मेला सात दिन …

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Faagali Fair of District Kullu-Himachal Pradesh

Faagali Fair of District Kullu

Faagali Fair of District Kullu-Himachal Pradesh फागुन मास में मनाये जाने के कारण इस मेले को फागली कहते हैं। फागली से कुल्लू में मेलों का शुभारम्भ होता है। इसके पश्चात् दशहरा तक कुल्लू जिला के किसी क्षेत्र में हर मास कोई न कोई मेला होता रहता है। यह फागली लाहुल या किन्नौर की फागली से …

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Minjar Mela Chamba Himachal Pradesh

Minjar Mela Chamba Himachal Pradesh

Minjar Mela Chamba Himachal Pradesh वैसे तो शिव भूमि चम्बा में बहुत से मेलें एवं त्यौहार मनाए जाते हैं, मगर इन सब में मिंजर मेले का एक अलग ही स्थान है। अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस मेले के प्रसिद्धि न केवल हिमाचल में अपितु देश के अन्य भागों के लोगों के लिए भी यह आकर्षण का …

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पंगवाल जनजाति की शादी की रस्में

पंगवाल जनजाति की शादी की रस्में

पंगवाल जनजाति की शादी की रस्में पांगी में विवाह की पूरी रस्म के चार प्रक्रियाएं होती है। इनका नाम है, पिलम, फक्की, छक्की और शादी। यहाँ शादी के लिये लड़के वाले ही लड़की वाले के यहां जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। सर्व प्रथम लड़के का पिता अपने किसी खास आदमी को लड़की वाले के …

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पंगवाल : हिमाचल प्रदेश की जनजाति

पंगवाल : हिमाचल प्रदेश की जनजाति

पंगवाल : हिमाचल प्रदेश की जनजाति पाँगी क्षेत्र में रहने के कारण पंगवाल नाम पडा है। चम्बा के पांगी क्षेत्र के लोगों को पंगवाल कहते हैं। पांगी घाटी चंद्रभागा और संसारी नाले के बीच स्थित है। पांगी एक दुर्गम क्षेत्र है जिसका सर्दियों में देश प्रदेश के हरभूभाग से सम्पर्क कट जाता है। पांगी घाटी …

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