Brief Geography of District Sirmaur -HP

Brief Geography of District Sirmaur -HP

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

जिला सिरमौर

मुख्यालय – नाहन (समुद्रतल से ऊँचाई – 933 मीटर)
भाषाएं – सिरमौरी व हिंदी
कुल क्षेत्रफल – 2825 वर्ग किलोमीटर

Read Also : Brief History of District Sirmaur – HP

भौगोलिक स्थिति :

सिरमौर जिला हिमाचल प्रदेश के दक्षिण भाग में स्थित है। जिला सिरमौर अधिकांशत: बाहरी हिमालय के खंड शिवालिक में 77°01′ 12 व 77°49’40” पूर्वी देशांतर तथा 33°22′ 30″ व 34°01’20” उत्तरी आक्षांश के मध्य स्थित है । दून धाटी के अतिरिक्त जिसे कयार-दा-दून भी कहा जाता है, जिला का सारा भू-भाग ऊँची उठती हुई पहाड़ियों से आच्छादित है।

पश्चिम से पूर्व की अधिकतम लम्बाई 77 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण की चौडाई 80 किलोमीटर है। सिरमौर जिले के पूर्व में उत्तराखंड ,पश्चिम और दक्षिण में हरियाणा ,उत्तर में सोलन और शिमला तथा दक्षिण में हरियाणा,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाएं लगती है । जिला सिरमौर को भौगोलिक दृष्टि से तीन खंडों में विभाजित किया जा सकता है । ये है- गिरीपार (Trans Giri), गिरी आर (Cis Giri) व कयारदा दून या दून धाटी।

(i) गिरीपार खंड (Trans Giri Region ) :

इस खंड में ऊंची उपत्यकाएं जैसे चूढ़ चोटी या चूढ़ चांदनी की धार, जिसकी ऊँचाई 11,982 फुट है स्थित है । अन्य प्रमुख चोटियां हैं- धार टपरोली जदोल, धार नोहरा, हरीपुर किला (8809 फुट ऊँचा) दुधाम धार, धार शिलाई मिलकर नैरा नदी धाटी का निर्णाण करती है, जो अंतत: तोन नदी में सम्माहित हो जाती है ।

(ii) गिरी आर खंड (Cis Giri Region ) :

यह खंड तीन पहाड़ी श्रृखलाओं द्वारा विभाजित हैं। ये है- सैन धार व धारथी धार। इन दोनों के मध्य ‘जलाल’ नदी बहती है । तीसरी श्रृंखला की ऊँचाई काफी कम है। इस का पश्चिमी अर्द्ध मारकंडा नदी द्वारा सिंचित किया जाता है। यह समतल घाटी बाटा नदी जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है तथा जिसका उद्गम स्थल धारथी श्रंखला में है द्वारा सिंचित है।


(iii) कयार-दा दून खंड (Kiar-da Dun Valley), :

यह क्षेत्र समतल व उपजाऊ है। जिला सिरमौर के लिए कियार दा दून घाटी अन्न का भंडार है, जहाँ सिंचाई की सुविधाओं के साथ आवागमन की भी पूरी सुविधा है।

जिला सिरमौर में बहने वाली प्रमुख नदियाँ है-

यमुना : यमुना नदी का उदगम स्थल यमुनोत्री (उत्तराखंड ) है। खादर माजरी में यमुना नदी हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। कौंच (ताजेवाला ) से यह नदी हिमाचल प्रदेश को छोड़कर उत्तराखंड में प्रवेश करती है।
गिरी – गिरी नदी ‘कूपर चोटी’ जुब्बल से निकलती है। ददाहू के पास ‘जलाल ‘ नदी गिरी में मिलती है। गिरी नदी रामपुर घाट में यमुना में मिलती है।
टौंस – टौंस नदी उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश में कोटी गाँव में प्रवेश करती है और खादर माजरी में यमुना में मिलती है।

बाटा – बाटा नदी ‘सिओरी कुंड ‘ (धारटी) से निकलकर क्यारदा -दून को 2 भागों में बांटकर ‘बातामंडी ‘ में यमुना में मिलती है।
जलाल –जलाल नदी बनी गाँव (नेही ,पच्छाद ) से निकलकर सैनधार और धारटी धार को बाँटती है। ददाहू के पास जलाल नदी गिरी में मिलती है। जलाल नदी गिरी की सहायक नदी है।
मारकंडा – मारकंडा नदी बड़ावन ,कटासन से निकलकर काला अम्ब के पास हिमाचल प्रदेश से हरियाणा राज्य में प्रवेश करती है।
घघर –घघर नदी लवासा से निकलकर प्रीती नगर के पास हिमाचल प्रदेश से हरियाणा में प्रवेश करती है।

सिरमौर जिले की सबसे ऊँची चोटी ‘चूड़धार ‘ है।
वन्यजीव अभ्यारण्य : चूड़धार ,रेणुका

झीलें :

रेणुका झील – यह हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है, जो 2.5 किमी लम्बी है।
सुकेती झील – यह मारकंडा नदी के बाएं किनारे पर स्थित है।

Brief Geography of District Sirmaur -HP

Read Also : History of Himachal Pradesh

Leave a Comment

error: Content is protected !!