Brief Geography of District Lahaul Spiti – HP

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जिला लाहौल स्पीति
मुख्यालय -केलांग (समुद्रतल से ऊंचाई -3165 मीटर )
भाषाएँ -भोटी ,मनचट ,चांगसा ,गाहरी
कुल क्षेत्रफल :13,835
वर्ग किलोमीटर


भौगोलिक स्थिति :

लाहौल -स्पीति हिमाचल प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित जिला है। यह 31°44’57” से 32°59”57” उत्तरी अक्षांश और 76°46’29” से 78°41’34” पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। लाहौल-स्पीति के उत्तर में जम्मू -कश्मीर , पूर्व में तिब्बत ,दक्षिण-पूर्व में किन्नौर , दक्षिण में कुल्लू ,पश्चिम में चम्बा और दक्षिण-पश्चिम में काँगड़ा जिला स्थित है।

नामकरण :

अधिकतर विद्वानों का मत है की लाहौल शब्द ‘लाहा -यूल ‘ से बना है जिसका अर्थ देव भूमि है। लद्दाख के लोग इसे ‘लाहो-यूल ‘ पुकारते थे जिसका अर्थ दक्षिण प्रदेश है। लाहुल लद्दाख के दक्षिण में स्थित है। तिब्बत निवासी इसे ‘गरजा ‘ कहते थे जिस का अर्थ है –अज्ञात देश।
स्पीति – स्पीति का शाब्दिक अर्थ है ” मणियों की भूमि “ स्पीति का मुख्यालय क़ज़ा है। इससे पहले स्पीति का मुख्यालय ढांकर था।

लाहौल स्पीति की घाटियां

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चंद्रा घाटी :

इस घाटी का स्थानीय नाम ‘रंगोली ‘ है। यह घाटी बारालाचा से कोकसर तक वीरान है। गोंधला तथा सिस्सू दो महत्वपूर्ण स्थान इसी घाटी में है। सिसु में घेपन देवता का मंदिर है। इस घाटी की पहली बस्ती कोकसर है। रोहतांग पार करने पर भी यह पहला स्थान है जहां यात्री ठहर सकते है।

भागा घाटी :

इस घाटी को ‘गाहर ‘ कहा जाता है। आरम्भ में यह घाटी तंग है। इस घाटी का पहला गांव दारचा है ,जहां घाटी खुलने लगती है। दारचा में भागा नदी के साथ दो अन्य नदियां ‘वरसी ‘ तथा ‘मोच -डोगपी ‘मिलती है। यहीं से जांस्कर को रास्ता भी है। गेमूर ,खंगसर तथा जिसपा घाटी के अन्य प्रमुख गांव है। गेमूर का गोम्पा बहुत प्रसिद्ध है। ‘पतसु’ इस घाटी में किसी समय एक प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र रहा। जिसपा ,भागा घाटी के तट पर स्थित है। जिला का मुख्यालय ‘केलांग ‘ इसी घाटी में स्थित है।

चंद्रा -भागा घाटी

इस घाटी को पट्टन घाटी भी कहते हैं। यह घाटी चंद्रा घाटी तथा भागा नदियों की साँझा घाटी है। यह ‘तांदी ‘ से आरम्भ होती है। इसके सामने नदी के बाएं किनारे पर गोशाल गांव है। इस घाटी के मुख्य गांव ठोलंग ,कीरतिर्ग ,शान्शा ,जाहलमा ,थिरोट ,तथा उदयपुर है। उदयपुर तथा थिरोट पहले चम्बा जिला में थे। उदयपुर 1985 में लाहौल का भाग बना। उदयपुर से पांगी घाटी को जाते हैं। थिरोट और त्रिलोकीनाथ का मंदिर है।

पिन घाटी :

यह स्पीति में स्थित है। जो पिन नदी के साथ स्थित है। यह ढांकर के पास स्पीति घाटी से मिलती है।

स्पीति घाटी :

स्पीति घाटी स्पीति नदी से बनती है। जो कुंजमाला से लेकर शुमड़ो में स्पीति नदी में मिलती है ) तक फैली है। यह बृहद हिमालय और जांस्कर पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित है। स्पीति में बौद्धों के अनेक मठ और बौद्ध बिहार है। यहाँ का वातावरण अत्यंत कठोर है। ठण्ड बहुत पड़ती है लेकिन वर्षा और वर्फ बहुत कम। इसलिए यहाँ घास और पेड़ -पौधे बहुत कम है। अत: स्पीति को शीत मरुस्थल भी कहा जाता है।

लाहौल स्पीति की नदियां :

चंद्रा नदी :

चंद्रा नदी बारालाचा से निकलती है। शिगडी ग्लेशियर होते हुए तांदी तक बहती है। इसकी सहायक नदियां शिगरी ,सोना पानी तथा सिसु है। चंद्रा नदी को बड़ा शिगड़ी और समुंद्री ग्लेशियर से पानी मिलता है। कोकसर ,सिस्सू ,गोंदला चंद्रा नदी के किनारे स्थति है।

भागा नदी :

भागा नदी बारालाचा के उत्तर पश्चिम से निकलती है। पहले यह सूरजताल में प्रवेश करती है। झील से निकलर दारचा तक 16 किलोमीटर वीरान स्थान से गुजरती है। दारचा में इस के साथ दो नदियां और मिलती है। दारचा और तांदी के बीच केलांग ,खारदोंग और गेमूर गांव भागा नदी के किनारे स्थित है।

चन्द्राभागा नदी :

चंद्रा और भागा नदियां आपस में तांदी संगम में मिलती है। यह लाहौल घाटी में 60 किलोमीटर बहकर पांगी में प्रवेश कर जाती है। ‘थिरोट ‘ तथा ‘मयाड़ ‘ इस की सहायक नदियां है। चंद्रभागा नदियों की रेत में सोने के कण भी मिलते हैं।

स्पीति नदी :

यह स्पीति घाटी की प्रमुख नदी है। यह खाब के पास सतलुज नदी में मिलती है। मोरंग ,रंगरिक ,धनकर ,ताबो स्पीति नदी के किनारे स्थित प्रमुख गाँव है।

पिन नदी :

यह स्पीति नदी की सहायक नदी है।

लाहौल स्पीति के ग्लेशियर

एंड्र्यू विल्सन ने 1873 ई. में लाहौल स्पीति को ग्लेशियर की घाटी कहा था। कैप्टन हारकोट ने 1869 ई. में शिगड़ी ग्लेशियर (लाहौल ) को पार किया जो 25 किलोमीटर लम्बा है। यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। गेफांग ग्लेशियर ,लेडी ऑफ़ केलांग ग्लेशियर , सोनापानी ग्लेशियर , मियार ग्लेशियर , मुक्किला ग्लेशियर प्रमुख ग्लेशियर है।

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लाहौल स्पीति के दर्रे

रोहतांग दर्रा : कुल्लू- लाहौल
हामटा दर्रा : कुल्लू -स्पीति
शिपकिला : लाहौल -स्पीति
कुंजम : लाहौल -स्पीति
कुगति : लाहौल -भरमौर
तेंतु की जोत : कुल्लू -स्पीति
लालुनि जोत : लाहौल -स्पीति
शिंगडकोन दर्रा : लाहौल -जांस्कर
बारालाचा : लाहौल -लद्दाख

लाहौल स्पीति की झीलें

चंद्रताल – यह झील 4270 मीटर की ऊंचाई पर स्पीति में स्थित है। इस झील से चंद्रा नदी का उदगम होता है। यह झील रामसर साइट है।
सूरजताल – यह झील बारालाचा दर्रे के समीप स्थित है। यह झील 4883 मीटर की ऊंचाई में स्थित है। इस झील से भागा नदी का उदगम होता है।
दीपकताल – यह झील दारचा और बारालाचा के मध्य स्थित है। यह सूरजताल तथा मनाली लेह मार्ग के निकट स्थित है।
यूनामसो झील – लाहौल में स्थित यह झील 4680 मीटर की ऊंचाई में स्थित है।
नीलकंठ – यह झील नैनगाहर घाटी में स्थित है। गहराई के कारण इसका पानी नीला दिखाई देता है जिस कारण इसका नाम नीलकंठ पड़ा।
धनकर और सिस्सू झीलें भी लाहौल स्पीति में है।

लाहौल स्पीति की प्रमुख चोटियां :मानेरंग ,मुलकिला ,गेफांग ,शिंगरीला ,शिकरबेहु ,मुकर बेहु ,गेफांग गो ,शालतु दा पार ,लछांगला ,मुरंगला ,शृंगला

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