Baghal Riyasat ka Bhumi Andolan – HP (बाघल रियासत में भूमि आंदोलन)
बाघल रियासत में भूमि आंदोलन : 1897 ई. में बाघल रियासत के राजा ध्यान सिंह के समय में अत्यधिक भूमि -लगान के विरोध में 1897 ई. से लेकर 1902 ई. तक लोगों ने आंदोलन चलाया। भूमि लगान में भारी वृद्धि ,चरागाहों की कमी तथा उन जंगली जानवरों के मारने पर रोक लगाने जो उनकी फसलों को नष्ट कर देते थे , के विरोध में किसानों ने आंदोलन किये।
बड़ोग गाँव के ब्राह्मणों ने गांव में भारी जलसा किया और फिर वे राजा के पास भी गए। अंग्रेज सरकार के हस्तक्षेप करने पर रियासती सरकार ने लगान में कमी करके लोगों को शांत किया परन्तु कुछ विद्रोहियों को पकड़ कर रियासत को सौंप दिया।
1905 ई. में बाघल रियासत में फिर से प्रजा ने खुला विद्रोह किया। राजा विक्रम सिंह और उनके वजीर -मैनेजर मान सिंह के कुप्रशासन और भारी भूमि -लगान के विरोध में प्रजा ने भूमि लगान देना बंद कर दिया। लोगों ने सरकारी आदेशों का पालन करना भी छोड़ दिया। इस आंदोलन के नेता बिशन दास को राज -परिवार के कुछ सदस्यों का समर्थन प्राप्त था। अंत में व्रिटिश सरकार ने हस्तक्षेप किया।
शिमला हिल स्टेट्स के सुपरिन्टेन्डेन्ट ने बाघल की राजधानी ‘अर्की ‘जाकर आंदोलनकारियों को न्याय करने का आश्वासन देकर शांत कर दिया। काँगड़ा के नायब तहसीलदार शेर सिंह रियासत का सयुंक्त -प्रबंधक नियुक्त किया और भू -राजस्व के निर्धारण के लिए बंदोबस्त आरम्भ किया गया और अन्य सुधार करके शांति की स्थापना की।
Baghal Riyasat ka Bhumi Andolan – HP
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