Language And Dialects of Himachal Pradesh

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  1. हिमाचल प्रदेश की किस जनजाति के द्वारा ‘मनछद ‘ तथा ‘चिनाली ‘ ये दोनों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती है ?
    A) किनौर
    B) खम्पा
    C) स्वांगला
    D) पांगवाल
    उत्तर : C) स्वांगला

व्याख्या : लाहौल -स्पीति में निवास करने वाली स्वांगला जनजाति द्वारा ‘मनछद ‘तथा ‘चिनाली ‘ भाषाएँ बोली जाती है। लाहौल -स्पीति में लाहौली ,भोटी , गेहरी , मनछद , चागसा ,तिनान ,पट्टनी ,रंगलोई आदि बोलियाँ बोली जाती है। भोटी बोली स्पीति तथा चंद्रा और भागा घाटी में बोली जाती है। इसकी अपनी लिपि और व्याकरण है। गेहरी केलांग क्षेत्र में बोली जाती है। मनछद और चागसा चिनाब घाटी में बोली जाती है तिनान चंद्रा घाटी में बोली जाती है।

  1. गियर्सन ने भारतीय भाषाओं का सर्वेक्षण करते समय पहाड़ी भाषा को तीन भागों में बाँटा है। उसने हिमाचली पहाड़ी भाषा को किस भाग में डाला है ?
    A) पूर्वी पहाड़ी
    B) मध्य पहाड़ी
    C) पश्चमी पहाड़ी
    D) उत्तरी पहाड़ी
    उत्तर : C) पश्चमी पहाड़ी।

व्याख्या : प्रसिद्ध अंग्रेज विद्वान् डॉ जी ऐ गियर्सन ने भारतीय भाषाओँ का सर्वेक्षण करते समय पहाड़ी भाषाओं को पूर्वी ,मध्य और पश्चमी में बांटा था। पूर्वी ने नेपाली भाषा का रूप ले लिया ,मध्य पहाड़ी गढ़वाली बन गई और पश्चमी पहाड़ी भाषा उत्तराखंड के जौनसार बाबर से लेकर जम्मू कश्मीर में भद्रवाह तक बोली जाती है। गियर्सन ने पहाड़ी भाषा का जन्म दर्दी और पैशाची से माना है ,जबकि डॉ हरदेव बाहरी , डॉ भोलानाथ तिवारी , डॉ उदयनारायण तिवारी और डॉ धीरेन्द्र वर्मा के अनुसार पहाड़ी भाषा का विकास शौरसेनी नागर अपभ्रंश से हुआ है।

  1. हिमाचल प्रदश के किस जिले की बोली जाने वाली भाषा को राहुल सांकृत्यायन ने ‘हमकदा ‘ या ‘हम्सकदा ‘ के रूप में वर्णित किया है ?
    A) लाहौल
    B) किनौर
    C) चम्बा
    D) शिमला
    उत्तर : B) किनौर।

व्याख्या : किनौर जिले की बोली हम्सकदा को किनौर के 75 % लोग बोलते हैं। यहाँ की कुछ और उपबोलियाँ है – संगनूर , जंगियम, शुम्को, रक्छमी ,छितकुली। संगनूर पूह तहसील के संगनूर की बोली है। जंगियम -मुरंग के जंगी ,और असरंग की बोली है। सुम्को -पूह के कानम ,लबरांग ,शाइसो की बोली है।

  1. कांम्यूर और तांग्यूर बौद्ध मतों से संबंध साहित्य को कादरंग बौद्ध मठ में सुरक्षित रखा गया है। यह किस स्थानीय बोलियों में लिखे गए हैं ?
    A) कार्बी
    B) भोटी
    C) दामी
    D) मान्छेद
    उत्तर : B) भोटी

व्याख्या :-कांम्यूर और तांग्यूर बौद्ध मतों से संबंध साहित्य को कादरंग बौद्ध मठ में सुरक्षित रखा गया है। ये भोटी भाषा में लिखें गए हैं। भोटी बोली की अपनी लिपि और व्याकरण है।

  1. बिलासपुर में बोली जाने वाली बोलियों को किसने छ: वर्गों में बाँटा ?
    A) जी ए गियर्सन
    B) टी ग्राहम बेली
    C) गोविन्द चातक
    D) हरदेव बाहरी
    उत्तर : B) टी ग्राहम बेली

व्याख्या :- बिलासपुर जिले में कहलूरी बोली जाती है। टी ग्राहम बेली ने बिलासपुर की बोलियों को छ: वर्गों में बाँटा।

  1. बघलानी बोली हिमाचल प्रदेश के किस क्षेत्र में बोली जाती है ?
    A) सोलन-नालागढ़
    B) अर्की-कुनिहार
    C) धर्मपुर-कुमारहट्टी
    D) बद्दी-बरोटीवाला
    उत्तर : B) अर्की-कुनिहार

व्याख्या :-बघलानी बोली बाघल रियासत अर्थात कुनिहार और अर्की क्षेत्र में बोली जाती है। सोलन जिले में बघाटी और हिंडुरी बोली भी बोली जाती है। हिंडुरी बोली नालागढ़ क्षेत्र में बोली जाती है। इसके साथ शिमला और सोलन जिलों में महासुवि उपभाषा भी बोली जाती है।

  1. बरारी बोली हिमाचल प्रदेश की किस क्षेत्र से संबंधित है ?
    A) चम्बा-नूरपुर
    B) ऊना- हिंडुर
    C) जुब्बल-रोहड़ू
    D) कुमारसेन-कोटगढ़
    उत्तर : C) जुब्बल-रोहड़ू

व्याख्या :-बरारी बोली शिमला जिले के जुब्बल रोहड़ू क्षेत्र में बोली जाती है। शिमला शहर के आसपास क्योंथली बोली प्रचलित है। शिमला जिले के रामपुर बुशहर ,कुमारसेन , कोटगढ़ ,सतलुज घाटी में कोची बोली प्रचलित है और थरोच क्षेत्र में किरन बोली प्रचलित है।

  1. विशवाई बोली हिमाचल प्रदेश के किस क्षेत्र में प्रचलित है ?
    A) कुमारसेन-शिमला
    B) नूरपुर-काँगड़ा
    C) गिरिपार-सिरमौर
    D) अर्की कुनिहार
    उत्तर : C)गिरिपार -सिरमौर

व्याख्या :-विशवाई बोली सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में जो शिमला से जुड़ा है ,वहाँ यह बोली प्रचलित है और सिरमौर के (गिरी आर ) धारटी क्षेत्र में धारटी बोली बोली जाती है।

  1. हिमाचल प्रदेश में 32 विभिन्न बोलियां बोली जाती है। उनमे से कितनी भारतीय आर्य परिवार की है ?
    A) 16
    B) 21
    C) 15
    D) 19
    उत्तर : B) 21

व्याख्या :हिमाचल प्रदेश में 32 विभिन्न बोलियां बोली जाती है। उनमे से 21 बोलियां भारतीय आर्य परिवार की है। पहाड़ी भाषा की लिपि टांकरी है, जो बनियों द्वारा हिसाब-किताब में प्रयोग की जाती थी। इसी लिपि में पहाड़ी राज्यों के अभिलेख और फरमान लिखे जाते थे ह्वूलर ने टांकरी लिपि को शारदा लिपि का सुधरा हुआ रूप मन है। वर्तमान में पहाड़ी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।

  1. निम्नलिखित में कौन सी भाषा चम्बा जिले के पांगी क्षेत्र में बोली जाती है ?
    A) सुकेती
    B) पंगवाली
    C) सैंजी
    D) कांगड़ी
    उत्तर : B) पंगवाली

व्याख्या : चम्बा के पांगी क्षेत्र में पंगवाली बोली प्रचलित है भटियात में भटियाती ,चुराह में चुराही ,भरमार में भरमौरी ,बोली प्रचलित है। सुकेती बोली मंडी जिले के सुंदरनगर और सुकेत क्षेत्र में बोली जाती है , मंडी जिले के सरकाघाट में सरघाटी ,बल्ह में बालड़ी बोली बोली। कुल्लू जिले की प्रमुख बोली कुल्लुवी , सिराजी सैंजी है तथा मलाणा गॉंव में मालाणी बोली बोली जाती है। काँगड़ा ,ऊना एवं हमीरपुर में कांगड़ी बोली प्रचलित है।

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