Pahadi Gandhi Baba Kanshiram – HP
श्री बाबा कांशी राम (पहाड़ी गांधी)
जन्म :11 जुलाई 1882 ई.
जन्म स्थान :देहरा गोपीपुर तहसील के गांव डाडा सीबा
पिता का नाम: श्री लखनू राम
- 1902 ई. में ये लाहौर गए तथा उस समय के दो महान क्रान्तिकारी स्वर्गीय हरदयाल एम.एम तथा सरदार अजीत सिंह से मिले। उन्होंने इन्हें राष्ट्रीय आन्दोलन में शामिल होने की प्रेरणा दी।
- 1919 ई. में इन्हें 2 वर्ष की जेल हुई। 1937 ई. में ‘गदड़िया’ में एक राजनैतिक सभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें ‘पहाड़ी गांधी’ की उपाधि से नवाजा।
- वह मधुर आवाज वाले बड़े गायक थे, इसलिए भारत की बुलबुल सरोजिनी नायडू ने 1927 ई. में दौलत पुर चौक में इन्हें ‘ पहाड़ां दा बुलबुल’ पदक से प्रतिपादित किया।
- 1931 ई. में जब सरदार भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव को फांसी पर लटकाया गया, तो इन्होंने कसम खाई कि जब तक भारत आजादी प्राप्त नहीं कर लेता वह काले कपड़े पहनेगे।
- वे महात्मा गांधी के विश्वस्त अनुयायी थे और उनके नियमों को वास्तविक जीवन में भी अपनाया था।
- वे कांगड़ा क्षेत्र से देश की स्वतन्त्रता के लिए कुर्बानी की भावना जगाने वाले अग्रणी प्रकाश थे। उन्हें कई बार जेल में डाला गया।
- 15 अक्तूबर 1943 ई. को 61 वर्ष की आयु में उन का देहान्त हो गया। कुछ इतिहासकारों के अनुसार जवाहर लाल नेहरू द्वारा उन्हें पहाड़ी गांधी के पद से प्रतिपादित करने का कोई प्रमाण नहीं है।
Pahadi Gandhi Baba Kanshiram – HP
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