श्री बख्शी प्रताप सिंह : एक स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनेता
श्री बख्शी प्रताप सिंह
जन्म : 20 अक्तूबर 1912 ई.
जन्म स्थान : जिला काँगड़ा के पालमपुर तहसील के चढयार गांव
शिक्षा : इन्होंने मैट्रिक तक शिक्षा ग्रहण की थी
- 1931 ई. में आजाद हिन्द फौज (INA) में शामिल हो गये।
- आजाद हिन्द फौज के तीन लाख सिपाहियों में वह अकेला था जिसने 5-6 फरवरी 1944 ई. में आधी रात को ब्रिटिश शिविर में अकेले घुस कर ब्रिटिश अफसर के ऊपर पहला हमला किया; एक गार्ड को मारा, एक सेना के अफसर को घायल किया और खुद भी घायल हो गए। इस अलौकिक साहस के लिए उन्हें ‘तगमा-ए-शत्रुनाश’ से नवाज़ा गया। उनकी यूनिट 14 दिन तक बिना भोजन किए गुरिला युद्ध लड़ती रही, जो एक महीना तक जारी रहा।
- श्री बख्शी प्रताप सिंह को 1952 ई. में पालमपुर से कांग्रेस टिकट पर एम. एल. ए. चुना गया।
- 1957 से 1962 ई. तक वह पंजाब में उपमन्त्री रहे।
- 1966 ई. में पंजाब प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों का हिमाचल में विलय होने पर वह राजस्व मन्त्री बने और हिमाचल प्रदेश कांगड़ा कमेटी के उपाध्यक्ष भी 1972 से
- 1977 तक वह राष्ट्रीय बचत सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे।
- लघु बचत की प्रोन्नति में उन को स्वर्ण पदक व योग्यता प्रमाण-पत्र से नवाजा गया।
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